संसाधन के अभाव में रेफर हो जाते मरीज, रास्ते में ही हो जाती मौत। चिकित्सकों के अभाव में ही स्वास्थ्य सुविधाएं ज्यादा बदहाल। ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी और पीएचसी की दशा भी नहीं है ठीक। बहुत से स्थानों पर बंद पड़े हैं स्वास्थ्य केंद्र।
बलिया : जनपद में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लंबे संमय से पहल हो रही है लेकिन स्थितियों में बदलाव होते नहीं दिख रहा है। जिला अस्पताल तक में गंभीर मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी और पीएचसी की दशा भी अच्छी नहीं है। बलिया में लंबे समय से संसाधन की कमी और चिकित्सकों का अभाव है। सड़क दुर्घटनाओं तथा मारपीट की घटनाओं में घायल अधिकांश लोगों को यहां से वाराणसी रेफर कर दिया जाता है। कोरोना काल में भी जिला प्रशासन यहां बेहतर सुविधा का ढ़ोल पीटता रहा लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मुखिया बलिया में सीएमओ रहे डा. जितेंद्र पाल जब कोरोना संक्रमित हुए तो पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई। उन्हें बेहतर इलाज के लिए पीजीआई लखनऊ ने जाना पड़ा। वहां उपचार के दौरान ही उनकी मौत हो गई। कोरोना के चलते बलिया में अब तक 106 लोगों की मौत हो चुकी है। जिला अस्पताल से एक माह में रेफर हुए मरीजों के आकड़े पर गौर करें तो अस्पताल के सुत्रों ने बताया कि एक माह में लगभग 256 मरीजों को वाराणसी के लिए रेफर किया गया है, वहीं चार मरीज लखनऊ रेफर हुए हैं। ऐसे में कइयों की जान या तो रास्ते में चली जाती है, अथवा अस्पताल की चौखट पर पहुंचने के बाद वे काल के गाल में समा जाते हैं।
चार साल बाद भी नहीं चालू हुआ ट्रामा सेंटर
संसाधनों व सुविधाओं के अभाव में ट्रामा सेंटर चालू नहीं हो सका। इसका निर्माण 157.43 लाख रुपये से हुआ था। 20 दिसंबर 2016 को प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री शिवाकांत ओझा ने उद्घाटन किया था। चार साल बीतने के बाद भी यह ट्रामा सेंटर नहीं चालू हो सका। इसमें करोड़ों की मशीने लंबे समय से धूल फांक रही हैं। अगर ट्रामा सेंटर चालू हो जाता तो कई लोगों की जान भी बच गई होती।
बलिया में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल
सीएचसी-18 , पीएचसी-13, न्यू पीएचसी-66, अरबन–02
चिकित्सकों का आकड़ा
जिले में चिकित्सकों की अवश्यकता-221, चिकित्सक जनपद में हैं तैनात-167, विभिन्न कारणों से जनपद से बाहर चिकित्सक-54, जनपद में हर दिन सेवा दे रहे चिकित्सक-113, जिला अस्पताल में चिकित्सकों के सृजित पद 19, वर्तमान में तैनात चिकित्सक-16, जिला महिला अस्पताल चिकित्सकों के सृजित पद-17, संविदा के चिकित्सको लेकर वर्तमान में तैनात चिकित्सक-07
बोले अधिकारी
चिकित्सकों के लिए डिमांड भेजा जाता है। उम्मीद है कि अगल साल तक डिमांड के मुताबिक चिकितसक उपलब्ध हो जाएं। अभी के समय में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला से ग्रामीण इलाके के लोगों को लाभ देने की कोशिश की जा रही है। इससे भारी संख्या में लोगों को लाभ मिल रहा है।
डा. राजेंद्र प्रसाद, सीएमओ