त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गांव की सरकार को लेकर हर गांव में गंवई राजनीति तेज हो चली है। शासन की नई आरक्षण नीति ने बहुतों की धुकधुकी बढ़ा दी है। कई पंचायतों में प्रधान पद के उम्मीदवार पिछले कई माह से धन खर्च कर जनता को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं। कुछ जातिगत समीकरण की गणित फिट कर खुद को प्रधान मान बैठे हैं। अब जब आरक्षण का पिटारा खुलेगा तो बहुतों के पांव तले पूरी जमीन ही खिसक जाएगी।
बलिया : यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चक्रानुक्रम आरक्षण लागू करने का रास्ता साफ हो गया। चक्रानुक्रम आरक्षण के फार्मूले को ही आगे बढ़ाया जाएगा। यानी वर्ष 2015 के चुनाव में जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित थी, उस वर्ग के लिए यथासंभव वह सीट आरक्षित नहीं रहेगी। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि अनुसूचित व पिछड़े वर्ग के साथ सामान्य वर्ग की महिलाओं का 33 प्रतिशत आरक्षण कोटा अनिवार्य तौर से पूरा हो। वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण किया जाएगा। अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं को प्रथम वरीयता दी जाएगी। इस वर्ग की आबादी न होने पर अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग को आरक्षण में क्रमश: वरीयता प्रदान की जाएगी। प्रधान और क्षेत्र व ग्राम पंचायत सदस्य पद का आरक्षण ब्लाक को इकाई मानकर निर्धारित होगा। वहीं ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य पद के लिए जिलों को इकाई माना जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण प्रदेश स्तर पर तय होगा। इस नीति से बलिया के हर सीट पर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
बलिया में पंचायतों का नया परिसीमन
पंचायत चुनाव को लेकर परिसीमन का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिले का आंकड़ा देखा जाए तो यहां जिला पंचायत का एक वार्ड कम हुआ है। इस चुनाव में ग्राम पंचायतों की संख्या भी 949 से घटकर 940 हो गयी है। वहीं, क्षेत्र पंचायत के 33 वार्ड व ग्राम पंचायत सदस्य स्तर के 115 वार्ड कम हुए हैं। परिसीमन से कई इलाकों के चुनावी समीकरण बदल गए हैं। जिला पंचायत का एक वार्ड कम हुआ है, पहले रहे 59 वार्ड। अब 58 हो गए हैं। इसी प्रकार पिछले पंचायत चुनाव में यहां पर ग्राम पंचायतों की संख्या 949 थी। बैरिया, रतसर व नगरा नगर पंचायत होने के नाते 9 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं। बैरिया में एक, नगरा में तीन व रतसर में चार पंचायतें मर्ज हो गई हैं। लिहाजा अब इस चुनाव में यह संख्या 940 रह जाएगी। पूरे जिले में क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या पिछले चुनाव में 1474 थी, लेकिन अब इस चुनाव में 1441 सीटों पर ही बीडीसी का चुनाव होगा। क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या में भी 33 की कमी होगी। पिछले चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या 12213 थी लेकिन इस बार यह संख्या 12098 हो जाएगी। ग्राम पंचायतों की संख्या में कमी होने के कारण ग्राम पंचायत सदस्य की भी 115 संख्या घट जा रही है।
बलिया में 391455 जुड़े नए मतदाता
बलिया जनपद में 2015 में 21,21816 मतदाता थे। इस बार 25,13271 मतदाता हो गए हैं। ग्राम पंचायतों की संख्या कम हुई है लेकिन नए मतदाता बढे हैं। इस बार के चुनाव में 391455 नए मतदाता जुड़े हैं। ये नए मतदाता किसी का भी खेल बिगाड1 और बना सकते हैं। बलिया में जारी मतदाता सूची में सीयर व नगरा ब्लाक में 94 सबसे अधिक ग्राम पंचायत हैं। वहीं मुरलीछपरा में सबसे कम 25 ग्राम पंचायतें हैं। इसके लिए 3921 बूथ बनाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक बूथ सीयर ब्लाक में 335 हैं। सबसे कम बेरुआरबारी में 163 बूथ हैं।
2015 व 2021 में ब्लाकवार मतदाता
- सीयर में 2015 में 167055, अब 207118, नए जुड़े 40063
- बैरिया 2015 में 131979, अब 132797, नए जुडे 818
- पंदह में 2015 में 108492, अब 134375, नए जुडे 25883
- बांसडीह में 2015 में 111746, अब 133038, नए जुड़े 21292
- बेरुआरबारी में 2015 में 88028, अब 106722, नए जुडे़ 18694
- गड़वार में 2015 में 119239, अब 124679, नए जुड़े 5440
- सोहांव में 2015 में 121544, अब 142343, नए जुड़े 20799
- नवानगर में 2015 में 113597, अब 143628, नए जुड़े 30031
- नगरा में 2015 में 191527, अब 216742, नए जुड़े 25215
- चिलकहर में 2015 में 129132, अब 153409, नए जुड़े 24277
- रसड़ा में 2015 में 143713, अब 171478, नए जुड़े 27765
- दुबहड़ में 2015 में 133762, अब 160047, नए जुड़े 26285
- बेलहरी में 2015 में 96942, अब 118304, नए जुड़े 17362
- हनुमानगंज में 2015 में 149402, अब 181667, नए जुड़े 32265
- मनियर में 2015 में 99581, अब 123272, नए जुडे़ 23691
- मुरली छपरा में 2015 में 107743, अब 135301, नए जुडे 27558
- रेवती में 2015 में 108334, अब 127451, नए जुड़े 19117
चुनाव पर बोले अधिकारी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही है। मतदाता सूची का प्रकाशन हो गया है। राज्य चुनाव आयोग के निर्देश पर कार्य किया जा रहा है।
बेचू राम, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी