बलिया के विकासखंड मुरलीछपरा में शिवपुर कर्णछपरा पंचायत का मामला। अविवाहित प्रत्याशी ने बदला शादी नहीं करने का निर्णय। 2015 में भी प्रधान पद के उम्मीदवार थे लेकिन उपविजेता रहे। 26 मार्च को उनके द्वारा शादी रचाने के बाद अब शवपुर कर्णछपरा पंचायत में चुनावी मैदान पूरी तरह सज चुका है।
बलिया : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के बाद ऐसे कई किस्से सामने आने लगे हैं। इस चुनाव में आरक्षण ने कई दिग्गज प्रत्याशियों को चुनाव से पहले ही पटखनी दे दिया। बहुतों की लंबे समय की समाजसेवा भी व्यर्थ गई लेकिन बलिया के विकासखंड मुरलीछपरा के ग्राम पंचायत शिवपुर कर्णछपरा एक प्रत्याशी ऐसे हैं जिनको आरक्षण भी मात नहीं दे पाया, वह हैं हाथी सिंह। अविवाहित श्री सिंह पांच साल से प्रधान पद के लिए तैयारी कर रहे थे। तब तक यहां प्रधान पद की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो गई। इस वजह से उनका पूरा दांव ही विफल होने लगा। पांच साल की सेवा भी व्यर्थ होने लगी। तब तक समर्थकों ने उन्हें शादी करने का सुझाव दिया। इसके बाद श्री सिंह जुगाड़ फिट किए और छपरा के धर्मनाथ मंदिर में जाकर एक युवती ये शादी रचा लिए। अब वह अपनी पत्नी को प्रधान पद पर मजबूती से चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुट गए हैं। श्री सिंह 2015 में भी प्रधान पद के उम्मीदवार थे लेकिन उपविजेता रहे। 26 मार्च को उनके द्वारा शादी रचाने के बाद अब शवपुर कर्णछपरा पंचायत में चुनावी मैदान पूरी तरह सज चुका है। हाथी सिंह कहते हैं कि मुझे 13 अप्रैल को नामांकन से पहले शादी करनी थी। मै शादी नहीं करने का संकल्प लिया था, अपना पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर रखा था लेकिन आरक्षण के चलते मुझे शादी करनी पड़ी। मेरी मां 80 साल की हैं और चुनाव नहीं लड़ सकती थीं, अब निर्णय समाज के हाथ में है।