सरकारें बदलती है तो लोगों की उम्मीदें भी बढ़ जाती हैं। सभी लोग सपनों में सफर करने लगते हैं कि अब सुविधाएं बेहतर हाल में हो जाएंगी, लेकिन स्थितियों में बदलाव न हो तो सभी लोग निराश होने लगते हैं। हम स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में बलिया की पड़ताल करें इस सरकार में भी यहां उपचार के बेहतर इंतजाम नहीं हो सके हैं। असल सत्य यह है कि गांवों में झोलाछाप कहे जाने डाक्टर ही मोर्चा संभाल रहे हैं। जनपद की बड़ी आबादी के बीच वे ही प्राथमिक उपचार के साधन हैं। सरकारी तौर पर व्यवस्था में कुछ बदलाव हुए हैं, विभागीय भ्रष्टाचार पर भी कुछ अंकुश लगा है, लेकिन यह विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त हो गया, यह दावा सरकार के लोग भी अभी नहीं कर सकते। यहां मेडिकल काॅलेज का सपना भी इस साल में अधूरा ही रह गया।
बलिया डेस्क : आज के परिवेश में सबसे अहम सुविधा यदि कुछ है तो वह है उपचार की सुविधा। इसके अभाव में बहुत से लोगों की जान चली जाती है। प्राइवेट में उपचार कराने पर बहुत से गरीबों को अपना बहुत कुछ बेचना भी पड़ जाता है। ऐसे में यदि जनपद में उपचार के व्यवस्था सही हो जाए तो सामान्य लोगों को राहत मिल सकती हैं, लेकिन जितनी तेजी से बेहतरी के ढ़ाेल पीटे जा रहे हैं, उस अनुपात में कहीं भी भी व्यवस्था नहीं हो सकी हैं। पूरे साल लोग सुधार की आस लगाए रहे, लेकिन नतीजे नाकारात्मक ही रहे। अभी के समय में जनपद में कुल 203 चिकित्सकों की जरूरत है, लेकिन उपलब्धता 102 चिकित्सकों की है। जिले में कुल 64 एम्बुलेंस हैं लेकिन 102 व 108 एंबुलेंस की हालत ठीक नहीं है। किसी भी इमरजेंसी में एम्बुलेंस रास्ते में ही अटक जाते हैं। इसके अलावा मोबाइल अस्पताल के वाहन गांवों में जाकर लोगों को अपनी सेवा दे रहे हैं, लेकिन जनपद की बड़ी आबादी के उपचार के लिए वे भी पर्याप्त नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपचार के अच्छे इंतजाम नहीं होने के चलते ही जिला मुख्यालय के अस्पतालों पर हर दिन भीड़ रहती है। जनपदवासी भी यह मानते हैं कि यदि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों की व्यवस्था ठीक कर दी जाए तो जिला मुख्यालय पर भीड़ कम जाए। जिला मुख्यालय पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, आयुष्मान योजना, जिला अस्पताल में सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे आदि की सुविधा बहाल हुई है, इसका लाभ मरीजों को मिल रहा है, लेकिन जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा होने के बाद भी, इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। मरीज बाहर में ही अपनी जांच कराते हैं।
इस साल में भी नहीं चालू हुआ ट्रामा सेंटर
जिला अस्पताल परिसर में स्थापित ट्रामा सेंटर की ओर किसी का ध्यान नहीं है। हालात यह हैं कि अब ट्रामा सेंटर में पड़ी मशीनें धूल फांकते-फांकते खराब होने के कगार पर आ खड़ी हुई हैं। इस ट्रामा सेंटर का 20 दिसम्बर 2016 को प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री शिवाकांत ओझा ने उद्घाटन किया था। तब से लेकर अब तक तीन साल हो गए लेकिन ट्रामा सेंटर में उपचार की सेवाएं नहीं बहाल हो सकीं। ट्रामा सेंटर में करोड़ों रुपये की मशीनें पड़ी हुई हैं। इसमें आधुनिक ऑपरेशन कक्ष की मशीन, जीवनरक्षक उपकरण, पांच वेंटिलेटर सहित कई अन्य उपकरण ट्रामा सेंटर स्टोर में धूल फांक रहे हैं। इसके अलावा जिला महिला अस्पताल परिसर में स्थापित 100 बेड शैय्या युक्त मातृ व शिशु की बिल्डिंग तीन बार उद्घाटन होने के बाद भी शुरू होने का इंतजार कर रही है।
एक रेडियोलॉजिस्ट पर दो जिलों को लोड
जिला अस्पताल में दो रेडियोलॉजिस्ट का पद है, उसी को लेकर दो सिटी स्कैन मशीन भी लगी है, लेकिन एक ही रेडियोलॉजिस्ट के सहारे दो जनपदों का मेडिकल लीगल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड का लोड होने के कारण संबंधित चिकित्सक परेशान हैं। अगर स्वास्थ्य विभाग जल्द कोई समाधान नहीं किया तो जनपदवासियों को भी गैर जनपद मेडिकल व लीगल एक्सरे के लिए चक्कर लगाना पड़ेगा।
चलते रहता है फजीवाड़े का खेल
इस विभाग में हमेशा फर्जीवाड़े का खेल चलते रहता है। वाहनों के तेल में चोरी, फर्जी नियुक्तियां के किससे तो अंदरखाने में हैं ही, जिला अस्पताल में दोगुना रेट में विभिन्न सामग्रियों को देकर सरकारी धन लूटने का मामला भी प्रकाश में कई बार आया। इससे अलग नवंबर-2019 में एनआरएचएम के बाबुओं का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। इसमें बाबुओं ने फर्जी बिल लगाकर व दिवंगत पूर्व सीएमओ डॉ.एसपी राय के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर 50 लाख रुपये से अधिक की धनराशि गबन करने की कोशिश की। मामला सामने आने के बाद सीएमओ ने संबंधित बाबुओं ने नाम मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद उन्हें पुलिस हिरासत में लेकर जेल भी भेजा गया। फर्जीवाड़े का शोर अभी भी नहीं थमा है। विभाग में एक नामी नारायण बाबू पकड़ में आते हैं तो उनकी जगह दूसरे नामी नारायण ले लेते हैं। ऐसे में बलिया में सीएमओ की कुर्सी भी कांटों भरे सेज की तरह होती है। यहां कोई भी सीएमओ रहे, यदि वे अपने बाबुओं से सचेत न रहें तो उनकी गर्दन फंसनी भी तय है।