सीएमओ व सीएमएस की कार्यशैली पर उठ रहे थे सवाल, सीएम तक पहुंची थी शिकायत, नगर विधायक व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल की शिकायत के बाद हुआ दोनों का स्थानांतरण।
बलिया डेस्क : जनपद में तैनाती के समय से ही सीएमओ डॉ. पीके मिश्र व महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. माधुरी सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं। इधर कारोना जैसी महामारी के समय भी दोनों के कार्य को लेकर कई तरह की शिकायतें मरीजाें और आमलोगों की ओर से की जा रही थी। इस बात की शिकायत नगर विधायक और राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुल्क ने मुख्यमंत्री से भी की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री की ओर बलिया के सीएमओ को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। इस बात की जानकारी मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने अपने ट्वीटर और फेसबुक पेज पर शुक्रवार को सुबह में ही दे दी थी। उसके बाद सोशल मीडिया में भी यह मामला प्रचारित होने लगा था। वहीं दोपहर तक सीएमओ के स्थानांतरण का आदेश भी आ गया। मंत्री के अनुसार सीएमओ पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वहीं महिला सीएमएस डॉ. माधुरी सिंह काफी दिनों से अस्पताल नहीं आ रही थीं। उनके खिलाफ मऊ में प्रसव के दौरान नवजात की मौत के मामले में मुकदमा भी दर्ज है।
बलिया के सीएमओ हुए डाॅ. जितेंद्र पाल
बलिया के सीएमओ डा. प्रीतम कुमार मिश्र को वरिष्ठ परामर्शदाता जिला चिकित्सालय गाेंडा भेजा गया है, वहीं कुशीनगर जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. जितेंद्र पाल को बलिया का सीएमओ बनाया गया है। कोरोना महामारी के बीच पदभार ग्रहण करने के बाद स्थिति में सुधार होता है या स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी पुरानी राहों पर ही चलते रहती है, इस पर अब सभी की नजर है।
डॉ. सुमिता सिन्हा नई सीएमएस
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस रही डॉ. माधुरी सिंह को बलिया से वरिष्ठ परामर्शदाता, संयुक्त चिकित्सालय सोनभद्र भेजा गया है, वहीं बलिया जिला महिला चिकित्सालय में वरिष्ठ परामर्शदाता रही डॉ. सुमिता सिन्हा को यहां सीएमएस का चार्ज दे दिया गया है।
स्थानांतरण कर गबन पर डाल दिया गया पर्दा
बलिया में सीएमओ की कुर्सी लंबे समय से खास चर्चा में रही है। विगत कई दशक से यहां कभी दवा घोटाला तो कभी संविदा कर्मियों के वेतन भुगतान या किसी फर्म के माध्यम से चिकित्सा सामग्री की खरीदारी में घोटाले का जिन्न बाहर आते रहा है। कभी किसी बाबू के माध्यम से कोरोड़ों के गबन हुए तो कभी सीएमओ ने किसी फर्म के नाम गबन की अलग कहानी लिखी। इसके बावजूद आज तक बड़ी कार्रवाई से सभी बचते रहे। कार्रवाई के नाम पर संबंधित का स्थानांतरण कर दिया जाता है, उसके बाद पूराने मामले विभाग की फाइलों में दफन हो जाते हैं और गबन के नए खेल शुरू हो जाते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। बलिया के स्वास्थ्य विभाग में उचित निगरानी के लिए समिति भी बनी है, इसके बावजूद गबन का खेल कभी बंद नहीं हुए।
शहर के निवासी ने लगाए थे गंभीर आरोप
बलिया शहर के सतनी सराय के निर्मल पांडेय ने गत 14 जुलाई को जिलाधिकारी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रीतम कुमार मिश्र, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधीर तिवारी तथा पटल सहायक आरके सैनी के विरुद्ध लिखित शिकायत की थी। अपनी शिकायत के साथ भ्रष्टाचार व अनियमितता का साक्ष्य देते हुए एफिडेविट भी दिया था। शिकायतकर्ता ने दवा खरीद में करोड़ों रुपये गबन के आरोप लगाए थे, वहीं में एनएचम के धन से फर्जी तरीके से निकासी की शिकायत की थी। इनमें से किसी भी मामले की कोई जांच नहीं हुई, उनका ससम्मान सिर्फ स्थानांतरण किया गया, इससे नए कई तरह के सवालों का भी जन्म हुआ है।
कोरोना काल में उछल रहे थे ज्यादा सवाल
बलिया के सीएमओ रहे डॉ. प्रीतम कुमार मिश्र के संबध में कोरोना काल में ही ज्यादा सवाल उछलते रहे हैं। उन पर शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए कोविड 19 से बचाव के लिए बगैर टेंडर व विज्ञापन के मानक से अधिक दर पर भोजन की आपूर्ति करने के आरोप संग संसाधनों की खरीदारी में भी घालमेल के आरोप लगाए गए हैं।