राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं। राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं।
अयोध्या : राममंदिर भूमिपूजन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई देते हुए कहा कि राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं। राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। उनकी इन्हीं प्रेरणाओं के साथ, श्रीराम के आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है।
राममंदिर पूरी मानवता को प्रेरणा देगा
मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा। यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा।
संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा राममंदिर
मोदी ने राममंदिर को लेकर कहा कि श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।
ये महोत्सव है- स्वं को संस्कार से जोड़ने का
राममंदिर के निर्माण की विशेषता बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है। ये महोत्सव है- विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का। नर को नारायण से जोड़ने का। लोक को आस्था से जोड़ने का। वर्तमान को अतीत से जोड़ने का। और स्वं को संस्कार से जोड़ने का।
न भूतो न भविष्यति
देशभर के पवित्र जगहों से मिट्टी व जल को भूमिपूजन के मौके पर पहुंचने को लेकर मोदी ने कहा कि देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं। वाकई ये न भूतो न भविष्यति है। राम के मर्यादा का बखान करते हुए मोदी ने कहा कि श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है।
राम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन का आधार बनाया
श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना। इसलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं। श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन का आधार बनाया था। उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान, केवट से प्रेम, शबरी से मातृत्व, हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया। यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।
भारत में राम
भारत में राम का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों। भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों। भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं। तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं! भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है। राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है।
चीन व पाकिस्तान को संदेश
पीएम मोदी ने चीन व पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा कि भय बिन होई न प्रीत, राम का संदेश विश्व स्तर तक पहंचे। यह मंदिर ही इस दिशा में काम करेगा। विरोध से निकाल कर बोध व शोध का मार्ग दिखाते हैं राम, बाहर से आने वालों को रास्ता दिखाते हैं। इसलिए वे परिवर्तन के प्रतीक हैं।
त्याग, बलिदान और संघर्ष को नमन
पीएम मोदी ने राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में भाग लेने वालों को याद करते हुए कहा कि जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं।