बलिया डेस्क : मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में शुक्रवार को शपथ ग्रहण कर ली है। उनसे पहले जीसी मुर्मू (GC Murmu) जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बने थे, जिन्हें गुरुवार को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) नियुक्त किया गया है।
कश्मीर भारत का स्वर्ग
शपथ ग्रहण के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कश्मीर भारत का स्वर्ग है। मुझे यहां भूमिका निभाने का अवसर दिया गया है। पांच अगस्त एक महत्वपूर्ण तारीख है। जम्मू-कश्मीर मुख्यधारा में आया है। वर्षों के बाद यहां कई परियोजनाएं शुरू हुईं, मेरी प्राथमिकता उन परियोजनाओं को आगे ले जाना है।
किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं होगा
श्री सिन्हा ने कहा कि किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं होगा। संवैधानिक शक्तियों का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा। मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि उनकी वास्तविक शिकायतों को सुना जाएगा और हम समाधान का रास्ता खोजने की कोशिश करेंगे। यहां विकास को आगे ले जाना ही मेरा उद्देश्य है।
मनोज सिन्हा का राजनीतिक जीवन
मनोज सिन्हा पहली मोदी कैबिनेट में रेल राज्य मंत्री रह चुके हैं। इतना ही नहीं उनके काम की प्रशंसा खुद पीएम मोदी और अमित शाह भी कर चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा गाजीपुर संसदीय सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन 2019 के आम चुनावों में वे गाजीपुर से हार गए थे।
तीन बार रहे सांसद
पीएम मोदी मनोज सिन्हा के काफी भरोसेमंद लोगों में से एक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान खुद अमित शाह उनका नामांकन कराने साथ गए थे। सिन्हा 1996, 1999 और 2014 में तीन बार सांसद रह चुके हैं।
बीएचयू IIT से किया एमटेक
हमेशा कुर्ता धोती और कुर्ता पयजामा पहनने वाले मनोज सिन्हा पान खाने के बड़े शौकीन हैं, उन्होंने बीएचयू IIT से एमटेक की पढ़ाई की और 1982 में ABVP से जुड़े और राजनीति में शक्रिय होते चले गए।
5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाने का एक साल पूरा
पिछले साल 5 अगस्त पर जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में। इसके बाद साल 2019 के अक्टूबर महीने में जीसी मुर्मू को जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल बनाया गया था। जीसी मुर्मू ने 1 नवंबर को ही जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की थी। आर्टिकल 370 के तहत मिले विशेष राज्य के दर्जे को हटाए हुए, 5 अगस्त के दिन एक साल पूरा हो गया है। ऐसे में जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बने हुए भी एक साल का समय बीत चुका है।