बलिया जनपद के बैरिया विधान सभा का उप नाम द्वाबा भी है। गंगा और घाघरा दो नदियों के बीच की धरती होने के चलते ही इसे सभी लोग आज भी द्वाबा के नाम से ही पुकारते हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में यह 363 बैरिया विधान सभा दर्ज है। इसी विधान सभा में आकर यूपी की सीमा खत्म हो जाती हैं और बिहार प्रदेश शुरू हो जाता हैं। सभी कहते हैं जेपी रुप में समाजवाद की असल खुश्बू इसी धरती से निकली और पूरे देश में अपना सुगंध बिखेरने लगी। उसी धरती के जेपी के गांव के निवासी समाजसेवी सूर्यभान सिंह जन सेवा के बदौलत आमजनमानस के दिलों में अपना अलग स्थान स्थापित किए हैं। अब वह बैरिया विधान सभा में राजनीति के रंग-रूप रूप को बदलने के लिए, बैरिया विधान सभा के संपूर्ण विकास के लिए, कदम से कदम मिलाकर बढ़ चले हैं। प्रस्तुत है बलिया टुडे से हुई बातचीत का प्रमुख अंश-:
363 विधान सभा बैरिया
आबादी
पुरूष-269099
महिला-247120
कुल-516219
मतदाता
पुरूष-191733
महिला-156269
अन्य-09
कुल-348011
बलिया डेस्क : जेपी का गांव सिताबदियारा जयप्रकाशनगर वह स्थान है, जहां संपूर्ण क्रांति आंदोलन के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने जन्म लिया और देश को एक नई दिशा दी। समाजवाद व सर्वोदय शब्द को भी जेपी ने ही सही रुप से परिभाषित किया।
उसी मिट्टी से निकले सूर्यभान सिंह कहते हैं कि उनके कार्यों व सेवा भाव को देखकर ही विधान सभा के लोगों ने उन्हें सच्चे समाजसेवी की संज्ञा से विभूषित किया हैं। विधान सभा में जब बाढ़ की आपदा होती है, कहीं अगलगी की घटनाएं होती हैं या कोई परिवार किसी आपदा का शिकार होता है तो वहां सबसे पहले पहुंच कर मदद करने में यदि किसी का नाम आता है तो वे सूर्यभान सिंह ही हैं।
आसान नहीं हर वर्ग में खुद को स्थापित कर पाना
वर्ष 1970 में जयप्रकाशनगर के भवन टोला में एक सधारण परिवार में जन्म लेने वाले सूर्यभान कहते हैं…चाहे वह गांव की सड़कों का मामला हो या कटान का, बिजली की समस्या हो या बाढ़ में डूबती उतराती-जिंदगियों का। हर समस्या को मै शासन तक पहुंचाने का काम भी करते रहता हूं। बतौर सूर्यभान मै मानता हूं कि गांवों में अब पुराना मन-मिजाज बदल गया है। हर कोई एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, ऐसे माहौल में समाज के हर वर्ग के दिलों में अपना स्थान बनाने के लिए इंसान को बहुत कुछ त्यागना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर समाज हमे स्वीकार नहीं करेगा।
जनता को दिया राइट टू रि-काल का अधिकार
आज के परिवेश में किसी भी पद पर आसीन जनप्रतिनिधि उस पद को कभी भी छोड़ना नहीं चाहते। पद को बचाने के लिए वह लाख जतन करते हैं। कई तरह के राजनीतिक तिकड़म भी लगाते हैं। खास कर ग्राम पंचायतों में प्रधान के पद के लिए तो और भी कई तरह के माहौल बनाए जाते हैं। ऐसे माहौल में यदि कोई जनप्रतिनिधि जनता को राइट टू रि काल का अधिकार खुले मंच से दे तो वहां राजनीतिक गलियारों में चर्चा होना लाजिमी है। इस बारे में समाजसेवी सूर्यभान सिंह बताते हैं कि मेरी पत्नी रूबी सिंह जेपी के गृह ग्राम पंचायत कोड़रहा नौबरार (जयप्रकाशनगर) की 2015 में ग्राम प्रधान बनी तो गांव के सर्वजनिक मंच से जनता को यह अधिकार दिया कि जनता के बीच से किसी को भी यदि ऐसा लगे कि उनकी सेवा या गांव के विकास को गति देने में मै पीछे हूं तो वे कभी भी मुझसे इस्तिफा मांग सकते हैं। ऐसा वह सिर्फ एक बार ही नहीं, कई बार पंचायत की जनता को अवसर दे चुकी हैं, लेकिन जनता के बीच से किसी ने भी यह मांग नहीं किया। इसलिए कि उन्हें रूबी से बेहतर सेवक आज तक नहीं मिला था। वह अपने पंचायत में तब 2400 वोटो से विजयी घोषित हुई थी। उनके कार्यकाल का यह आखरी चरण चल रहा है। उनके कार्य को लेकर गांव के लोग आज भी उतने ही खुश हैं जितने पहले थे।
बैरिया विधान सभा की जनता से अपील
मै सूर्यभान सिंह आपके बीच से ही मै निकला एक साधारण सा इंसान हूं। मै मानता हूं कि समाज की सेवा करने के लिए यह जरूरी नहीं कि इंसान के पास कोई पद होना चाहिए। मन में यदि सेवा का भाव है, श्रद्धा है तो इंसान यूं ही समाज के सेवा में लग जाता है। समाज व देश ने भी ऐसे ही लोगों को अपनाया है, जिन्होंने निस्वार्थ समाज के दबे लोगों की मदद की है। मेरी मंशा भी यही है। मै उस व्यक्ति का तब तक सांथ निभाता हूं, जब तक वह व्यक्ति संकट की घड़ी से उबर नहीं जाता। इसलिए कि मै खुद ऐसी जिंदगी से गुजर चुका है। पिछले कई सालों से मै अपने द्वाबा की स्थिति को देख चिंतित रहता हूं। एक सामान्य आदमी की आज कोई पूछ नहीं है। उनकी बातें तक सम्मानजनक तरीके से नहीं सुनी जा रही है। समस्याओं के निस्तारण के लिए लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन उसका निस्तारण नहीं हो रहा है। ऐसे में किसी न किसी को तो जनता की असल आवज बनकर राजनीति में खड़ा होना पड़ेगा। इसलिए मै अपने पूरे विधान सभा का बेटा और भाई बनकर सेवा करने के लिए इच्छुक हूं।
यह है मेरी घोषणा
मै सदैव आपके बीच रहना वाला आदमी हूं। विधान सभा चुनाव में आने से पूर्व ही मै यह घोषणा करता हूं कि यदि बैरिया विधान सभा की जनता ने मुझे मौका दिया तो मै सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी अहम मूलभूत सुविधाओं को पूरी तरह बदल दूंगा। यदि मै ऐसा नहीं कर पाया तो पूरे विधान सभा से कोई भी मुझसे किसी भी समय इस्तीफा मांग सकता है। मै अपने विधान सभा में सभी वर्ग के लोगों का सामान्य रूप से ध्यान रखूंगा। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। सभी के सहयोग से मै एक ऐसे समाज की स्थापना करूंगा जिसमें हर कोई निर्भय होकर जीवन व्यतीत करेगा। बस इतना ही, आप सभी को हृदय से प्रणाम। आपका ही…समाजसेवी सूर्यभान सिंह