अब तक 23 मरीजों की हो चुकी है मौत, कोरोना के लिए सुरक्षित हैं 455 बेड। हर दिन मिल रहे कोरोना मरीज, इसके बाद भी सड़कों दिख रही लापरवाही। आक्सीजनयुक्त बेडों का है अभाव, एल-2 अस्पताल की हो रही है तैयारी।
बलिया डेस्क : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर के कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं, इसके बावजूद भी कोरोना संक्रमण तेजी से आबादी की ओर बढ़ते जा रहा है। बलिया हर दिन 50 से अधिक ही कोरोना मरीज मिल रहे हैं। जनपद में अब तक 23 संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद भी लापरवाही बेहिसाब है। यही कारण है कि अब कोरोना संक्रमण आबादी में पहुंच चुका है। जांच की गति तेज है तो उसी हिसाब से नए मरीज भी मिल रहेे हैं।
मरीजों के लिए रखे गए बेड
सीएचसी बसंत पुर में 55, सीएचसी फेफना में 125,, शांति हास्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर में 125, शहीद मंगल पांडेय महिला महाविद्यालय नगवा में 150 बेड हैं। कुल मिलाकर बलिया में 455 बेड रखे गए हैं, लेकिन अभी आइसीयू बेडों की संख्या जनपद में बहुत ही कम है। जिला अस्पताल में आक्सीजन युक्त 20 बेड होने की बात सीएमएस बीपी सिंह बताते हैं, लेकिन इतने बेडों से स्थिति को काबू में नहीं किया जा सकता।
बसंतपुर में ही एल-2 फैसिलिटी की रहेगी सुविधा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बलिया आगमन के बाद एल-2 फैसिलिटी की सुविधा वाले अस्पताल को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए पहले जिला अस्पताल को चुना गया था, लेकिन अब सीएचसी बसंतपुर के एल-1 फसिलिटी के अस्पताल में ही एल-2 की फैसिलिटी बहाल की जाएगी। इस संबंध में सीएएमओ डाॅ. जितेंद्र पाल ने बताया कि बसंतपुर में ही आक्सीजन युक्त 65 बेड तैयार किए जा रहे हैं। दो दिनों के बाद उसमें भर्ती कोरोना मरीजों को शहीद मंगल पांडेय महिला महाविद्यालय नगवा में शिफ्ट किया जाएगा, उसके बाद वहां सभी तैयारियां पूर्ण कर दी जाएंगी। उसके बाद गंभीर स्थिति में पहुंचे मरीजों को एल-2 फैसिलिटी वाले जगह पर ही भर्ती किया जाएगा।