ऑनलाइन पढ़ाई करने की नहीं है छात्रों की आदत, अभिभावक भी दिख रहे उदासीन, प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा में ऑनलाइन पढ़ाई करने के दिए गए हैं कई विकल्प, बहुत से छात्रों के घरों में नहीं है एंड्रायड मोबाइल फोन, कैसे करें ऑनलाइन पढ़ाई।
बलिया डेस्क : कोरोना वायरस को लेकर हुए लाॅकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक की शिक्षा व्यवस्था हुई है। लॉकडाउन में घर पर विषयवार तैयारी के लिए विभाग की ओर से ऑनलाइन कई विकल्प दिए गए हैं, लेकिन आॅनलाइन पठन-पठन की ओर छात्रों का झुकाव बहुत ही कम है। सभी छात्र कक्षा में प्रत्यक्ष रूप से पठन-पाठन के आदि हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के मामले में प्राइवेट विद्यालयों के बच्चे कुछ सफल भी हैं तो परिषदीय विद्यालयों के बच्चे अभाव में भी अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। अभिभावकों के लिए यह चिंता का विषय है।
समय के अनुसार चलने की डालनी होगी आदत : बीएसए
बीएसए शिवनारायण सिंह से बात करने पर वे कहते हैं कि वैश्विक महामारी से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई घर भी चलती है, इसके लिए विभाग की ओर से अच्छी व्यवस्था दी गई है। ऑनलाइन शिक्षा हेतु पर प्रत्येक कक्षा के विषयों को बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय की वेबसाइट सहित प्रेरणा यूटयूब चैनल, प्रेरणा वेबसाइट नॉलेज सेंटर, दीक्षा ऐप पर आडियो व विडियो क्लिप अपलोड किए जा रहे हैं। इसके अलावा ब्लाक स्तरीय शिक्षा क्षेत्रों में प्रत्येक विद्यालय की ओर से व्हाटसअप ग्रुप बनाकर पाठय सामग्री बच्चों को दी जा रही है, लेकिन आॅनलाइन पढ़ाई को सभी बच्चे या उनके अभिभावक गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, यह सही नहीं है। बच्चों और उनके अभिभावकों को इस दिशा में ज्यादा गंभीर होना हाेगा। उनकी थोड़ी सी तत्परता से बच्चे घर पर भी विषयवार अच्छी तैयारी कर सकते हैं। अभिभावकों को बदलाव के अनुसार चलने की आदत डलनी चाहिए।
छात्रों लिए मोबाइल के सदुपयोग का यह समय : डीआइओएस
उच्च शिक्षा में ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था के संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्र से बात करने पर उन्होंने कहा कि सभी छात्रों के लिए मोबाइल के सदुपयोग का यह समय है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से डीआइओएस बलिया ऑनलाइन क्लासेज नाम से यूटयूब चैनल लांच किया गया है। दीक्षा एेप से डाउनलोड कर इस पर विषयवार पाठय सामग्री दी जा रही है। विद्यालयवार व्हाटसअप ग्रुप बनाकर भी पाठन सामग्री दी जा रही हैं, लेकिन सभी छात्रों के पास एंड्रायड मोबाइल फोन नहीं हैं। इस वजह से जितनी मेटेरियल डाली जा रही है, उस हिसाब से रिस्पांस नहीं मिल रहा है। जनपद के इंटर कालेजों में छात्रों की संख्या लगभग तीन लाख है। इसमें ऑनलाइन मदद लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या कम है। सभी को यह बात समझनी होगी कि लॉकडाउन में बहुत कुछ बदल गया है। पठन-पाठन के तरीकों में भी बदलाव किया गया है। ऐसे समय में सभी छात्रों को ऑनलाइन मदद से पठन-पाठन की आदत डालनी होगी। कोरोना वायरस का आगे क्या स्वरूप होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता, इसलिए समय गंवाना छात्रों के हित में नहीं है।