अभी के समय में भाजपा से ब्राह्मण वर्ग नाराज चल रहा है। ऐसे में परशुराम मंदिर के बहाने अब सपा व बसपा ब्राह्मण वर्ग के वोट की सेंधमारी में जुटी है।
बलिया डेस्क : योगी सरकार में यूपी में कई बड़े काम हुए बहुतों का एनकाउंटर हुआ तो राम मंदिर का भी भूमिपूजन कर भाजपा ने यह बताने का काम किया कि हिंदुओं के मान-सम्मान व धर्म की रक्षा सिर्फ वही कर सकते हैं। राजनीति है भाई, इसकी काट तो ढूंढनी पड़ेगी ही। सपा-बसपा को पता है कि अभी के समय में भाजपा से ब्राह्मण वर्ग नाराज चल रहा है।
ऐसे में परशुराम मंदिर के बहाने अब सपा व बसपा ब्राह्मण वर्ग के वोट की सेंधमारी में जुटी है। उधर भाजपा से नाराज ब्राह्मण वर्ग भी अपने लिए एक अदद राजनीतिक ठिकाना ढूंढ रहा है। यही कारण है कि यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में ब्राह्मण समुदाय का ठिकाना बनने की होड़ मच गई है। सपा-बसपा में ब्राहमण मतदाताओं को अपने पाले में लपकने की होड़ का नतीजा है कि यूपी की राजनीति में परशुराम राजनीतिक मुद्दा बन गए हैं। वहीं ब्राह्मण समुदाय का पुराना ठौर रही कांग्रेस भी धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश में मजबूत हो रही है। जबकि बसपा दलित-ब्राह्मण जातीय गठजोड़ के चलते ही पहली बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई थी। यही कारण है उन्होंने कई मंचों से गरीब ब्राह्मणों को आरक्षण देने की बात की थी।
सपा ने 108 फीट ऊंची मूर्ति बनवाने का किया एलान
खुद को लोहिया का राजनीतिक उत्तराधिकारी बताने वाली सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्ता में आने पर परशुराम की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगवाने का एलान किया है। इसके लिए परशुराम चेतना ट्रस्ट पीठ बनवाने की बात भी कही है।
परशुराम के नाम बसपा भी नहीं पीछे
सपा के एलान के एक दिन बाद ही बहुजन समाज पार्टी ने कह दिया है कि वह सत्ता में आई तो परशुराम जी के नाम पर सपा की परशुराम प्रतिमा से भी ज्यादा भव्य प्रतिमा लगवाएगी। बसपा ने इसमें एक नयी बात यह जोड़ी है कि वह सत्ता में आने पर ‘ब्राह्मण समुदाय की आस्था और स्वाभिमान के खास प्रतीक माने जाने वाले’ श्री परशुराम के नाम पर जगह-जगह बड़े अस्पताल भी बनवाएगी।
भगवान विष्णु के नाम भी अखिलेश ने किया था यह एलान
इससे पहले 24 अगस्त 2018 को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा था, “हम अगर सत्ता में आए तो भगवान विष्णु के नाम पर इटावा के निकट 2000 एकड़ से अधिक भूमि पर नगर विकसित करेंगे। हमारे पास चंबल के बीहड़ों में काफी भूमि है। नगर में भगवान विष्णु का भव्य मंदिर होगा। यह मंदिर कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर की ही तरह होगा। सपा-बसपा के इस परशुराम प्रेम पर गंवई समाज के भिन्न-भिन्न वर्ग-जाति के लोग भी उसी मानसिकता में ढ़लते दिख रहे हैं। ऐसे में यह बात स्पष्ट हो चली है कि 2022 में होने वाले यूपी विधान सभा चुनाव में पिछड़ी जाति के लोगों संग अगड़ी जाति की पूछ भी हर दल की ओर से ज्यादा होगी।