गांव-समाज में अपनत्व के रिश्तों की कद्र करनी चाहिए। गांव वह स्थान है जहां हर वर्ग के लोग एक-दूसरे से दिल से अपनत्व की भावना रखते हैं। इस बात का एहसास तब होता है जब कोई परिवार किसी अपदा में होेता हैं। तब के समय में जिससे जो बन पड़ता है, मदद में अपना पांव आगे बढ़ता है, लेकिन आज के परिवेश में राजनीतिक लोगों के लिए गांवों में अपने बीच के रिश्ते तेजी से दरक रहे हैं। यह सब राजनीतिक कारणों से ही हो रहा है। जबकि सभी को इस बात की जानकारी है की राजनीतिक लोग किसी के भी सााथ रिश्ता दिल से नहीं….दिमाग से निभाते हैं।
एक सामान्य आदमी तभी तक उनका खास हैं, जब तक उनकी राजनीति में काम आता है। उस दिन से एक सामान्य आदमी खास नहीं रह जाता, जिस दिन अपने नेता से किसी जन समस्या पर खुलकर बात करता है। समस्या के निदान के लिए उन पर दबाव बनाता है। उस दिन से उस सामान्य आदमी के साथ उसके ही प्रिय नेता दिमाग वाला रिश्ता शुरू कर देते हैं। तब के समय में सामान्य आदमी के हाथ से सबकुछ निकल चुका होता है। पूरे पांच साल इंतजार करने के शिवा उसके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं होता। इस बीच यदि वह बगावत की आवाज उठाता है तो भी उसे जलील ही हाेना पड़ता है। इसलिए कि सत्ता के पीछे दौड़ने वाली फौज, उस पर भारी पड़ जाती है। ऐसे परिवेश में किसी के पैरों पर गिरकर कामयाबी पाने से अच्छा है कि अपने दम पर कुछ बनने की ठान लें। करें कुछ ऐसा कि दुनिया आपका नाम ले। आप यह भी महसूस कर रहे होंगे की राजनीतिक लोग आपकी दिल से फिकर कभी नहीं करते, सिर्फ आप हैं जो उनकी बेहतरी की चिंता में डूबे रहते हैं। इसके बदले में आपको क्या मिलता है..सिर्फ और सिर्फ नेताजी का खास होने की संज्ञ…इसके अलावा शायद और कुछ भी नहीं। आज सार्वजनिक तौर पर एक गांव की तस्वीर को आप देंखे। गांवों में क्या बदलाव हुए। क्या इंटर कॉलेजों में सभी विषयों की पढ़ाई ठीक से हो रही है? क्या सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों का भविष्य संवर रहा है ? गांव की सडकें ठीक हो चलीं हैं। मरीजों के उपचार के बेहतर इंतजाम हैं। राजनीतिज्ञों की कृपा से क्या आप भी अपने जीवन को ऊंचाई देने में सफल हो चुके हैं। यदि आपका जवाब नही में है तो आप आज के माहौल पर जरूर चिंतन करें, अपने मन की बात सुने, गांव के हर दर्द को खुले रूप से कहें। खुले मंच पर कहें। देश का नागरिक होने के नाते यह आपका फर्ज है। यदि आप ऐसा नहीं करते तो गांव का सच्चा नागरिक कहलाने का भी हक आप नहीं रखते। इसलिए यह जानने का अवश्य प्रयास करें कि सच में आपका कौन है अपना।