मुख्यमंत्री ने मृतक रतन सिंह के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान भी किया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री ने बलिया के पत्रकार रतन सिंह की हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
बलिया डेस्क : Yogi Adityanath) ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, साथ ही मुख्यमंत्री ने मृतक रतन सिंह के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान भी किया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री ने बलिया के पत्रकार रतन सिंह की हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया है। शोक संतप्त परिवार के लिए 10 लाख रुपए आर्थिक मदद का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश भी दिए हैं। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अरविंद सिंह, दिनेश सिंह और सुनील सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है, आगे की कार्रवाई जारी है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने बताया कि झगड़े के दौरान पट्टीदारों ने पत्रकार रतन सिंह को गोली मारी है।
प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला
उधर इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर हमला बोला. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है। कांग्रेस नेता ने यूपी सरकार पर आपराधिक घटनाओं पर पर्दा डालने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है, मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है। दरअसल, प्रियंका गांधी वाड्रा का यह ट्वीट तब आया है, जब उत्तर प्रदेश में 24 घंटे के अंदर कई लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इनमें एक पत्रकार भी शामिल है। ट्वीट में प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की आपराधिक घटनाओं का ग्राफ बनाकर जिलावार जिक्र किया है। इसमें बलिया जिले के पत्रकार और आजमगढ़ जिले में पंचायत सदस्य की हत्या का भी जिक्र है।
यह है पूरा घटनाक्रम
रतन सिंह सोमवार को पूरे दिन जिला मुख्यालय बलिया में रहने के बाद शाम को अपने गांव चले गए। शाम को गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे। तभी घर कुछ लोगों ने उनपर फायर झोंक दिया। ग्रामीणों के अनुसार जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान के घर में घुस गए लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां दाग दी। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बताया जाता है कि कुछ दिनों पहले रतन का उनके पट्टीदारों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। तब उन्होंने जान से मार देने की धमकी भी दी थी। हालांकि परिवार वालों की ओर से अब तक कोई तहरीर नहीं दी गई।
फेफना थाने का एसओ सस्पेंड
इस वारदात के बाद लोगों ने फेफना-रसड़ा मार्ग को जाम कर दिया। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी और एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। परिजनों ने फेफना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे एसपी ने एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड करने और जांच के बाद अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा देकर जाम खत्म करावाया।