केंद्र सरकार की कई नीतियों से युवा वर्ग अब कुछ ज्यादा ही नाराज होने लगा है। कहीं ताली-थाली बजा कर विरोध हो रहा है तो कहीं निजीकरण के विरोध में युवा सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार है कि वह अपने मन की करने से बाज नहीं रही है। इस वजह से युवाओं का गुस्सा और भी बढ़ते जा रहा है।
By Shailesh Singh
Bairia News Desk : केंद्र सरकार अभी के समय में कई अहम विभाग को निजी हाथों में देने की ठान रखी है, लेकिन देश भर में इसका विरोध भी शुरू हो चुका है। तहसील स्तर तक यह विरोध शुरू हो चुका है। इसह क्रम में द्वाबा के नौजवानों ने शनिवार को रानीगंज बाजार में प्रधानमंत्री का प्रतीकात्मक पुतला दहन कर अपना विरोध जताया। युवाओं का कहना है कि सरकार के निजीकरण नीति से आम जनता को अनेक दिक्कतों के साथ-साथ आर्थिक शोषण का शिकार हो रही है। नौकरियां समाप्त होने लगी हैं और देश एक बार फिर कारपोरेट घराने व नौकरशाहीयों के चंगुल में फंसता जा रहा है। सभी का मानना है कि सरकारी सेवाएं सस्ती होती है जिस कारण एक रुपये में भी किसी का इलाज हो सकता है, लेकिन यही जब निजी हाथों में चला जाएगा तो मनमानी फीस वसूला जाएगा। सुविधाओं के नाम पर आमजन से अवैध वसूली की जाएगी। कर्मचारियों के साथ ठेकेदार द्वारा शोषण होगा। वर्तमान सरकार युवाओं को रोजगार देने में असफल रही है, जिस कारण अपनी नाकामी छुपाने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपना रही है। इसे देश के युवा बर्दास्त नही करेंगे। पुतला दहन करने वालों में प्रमुख रूप से छात्र नेता नितेश सिंह, रवि मौर्य, अमित शर्मा, राजकुमार यादव, विनय वर्मा, चुलबुल मौर्या, विशाल सिंह, सोनू साह, अनूप वर्मा, राजू वर्मा, मुन्ना गुप्ता आदि शामिल रहे।